यक़ीन है खुद पर
बड़े लोग अक्सर बड़ी बाते बस अज़ीज़ दोस्तों सी करते हैं,
यह दोस्ती का इजहार नहीं है,बस उसकी दौलत पर नज़र रखते हैं।
इसकी अहमियत को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है,
इसकी वजह से ही सब एतबार करने से नहीं झिझकते हैं।
बेपनाह गुनाहों की तो सज़ा मिलनी ही थी इस जहां में यहां,
यही वजह है कि सब लोग इस इल्म को हासिल करने से परहेज़ करने से ही घबराते हैं।
हताश जिंदगी में खोई हुई खुशियां गुम हो जाती है यहां,
इसी वजह से ही लोग यहां अक्सर घबराते हैं।
फ़ुरसत के इंतजार में बैठने का सिलसिला ठीक नहीं है यहां,
हरेक शख्स इसकी तह तक की जाने की कोशिश करते हैं।
जिंदगी की रफ्तार रोकने की जुर्रत ठीक नहीं है यहां,
यही जिंदगी के हरेक पड़ाव पर खुशियां परोसते हैं।
ग़म की बारिकियों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है यहां,
इस किताब को पढ़ने की सब आरज़ू रखते हैं।
तलवे चाटकर शोहरत हासिल करने की ख्वाहिश नहीं होनी चाहिए यहां,
इसे लोग अक्सर बदसलूकी का इशारा कहते हैं।
इस जहां में दोस्तों के दोस्त की एक लम्बी कतार है यहां,
यही बात राज़ को बताने से परहेज़ करने की बात करते हैं।
इस जहां में अतीत से दूरियां बनाने के कोशिश जरूरी है “अशोक ” यहां,
इस तालीमी मिजाज को लेकर सब लोग तरह-तरह की बातें करते रहते हैं।
— डॉ. अशोक, पटना