कविता

कविता

माना कुछ परिणाम दुखद होते पर उनका कारण बुरा नहीं ।

जो होना है वो होगा ही यह वक्त किसी से रुका नहीं ।

माना सपने आज अधूरे बसे रह गए पलकों पर

तुम ऐसे योद्धा वन युध्द करो जिसका शीश युद्ध में झुका नहीं ।

होता विजय प्राप्त ऐसे वीरों को जो लड़ते हैं मरते दम तक

राजतिलक भी हुआ उन्ही का जो मंजिल मिलने तक थका नहीं

— हेमंत सिंह कुशवाह

हेमंत सिंह कुशवाह

राज्य प्रभारी मध्यप्रदेश विकलांग बल मोबा. 9074481685

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