कविता हेमंत सिंह कुशवाह 02/10/202424/09/2024 0 Comments सवाल एक देह एक सवाल है मेरामां भारती कर्ज है तेराअपंग हूं इसलिए तेरी, पुकार सुन नहीं सकतामैं सेना व सीमा Read More
गीत/नवगीत हेमंत सिंह कुशवाह 16/09/202416/09/2024 तीन पहर तीन पहर तो बीत गये, बस एक पहर ही बाकी हैजीवन हाथों से फिसल गया, बस खाली मुट्ठी बाकी हैदुनिया Read More
गीतिका/ग़ज़ल हेमंत सिंह कुशवाह 28/08/202428/08/2024 सच देता है उपहार समय का साथ सच का हो तो सच उपहार देता हैअगर झूठों की हो संगत तो वो दुत्कार देता हैवो Read More
कविता हेमंत सिंह कुशवाह 01/09/2022 राखी हर सावन में आती राखी, बहना से मिलवाती राखी चाँद सितारों की चमकीली, कलाई को कर जाती राखी जो भूले Read More
कविता हेमंत सिंह कुशवाह 28/12/2021 कविता उम्र की डोर से फिर एक मोती झड़ रहा है…. तारीख़ों के जीने से दिसम्बर फिर उतर रहा है.. कुछ Read More
गीतिका/ग़ज़ल हेमंत सिंह कुशवाह 05/10/2021 ग़ज़ल अमीरे-शहर को तलवार करने वाला हूँ मैं जी-हुज़ूरी से इन्कार करने वाला हूँ कहो अँधेरे से दामन समेट ले अपना Read More
कविता हेमंत सिंह कुशवाह 08/09/2021 पीड़ाएँ कितनी ही पीड़ाएँ हैं जिनके लिए कोई ध्वनि नहीं ऐसी भी होती है स्थिरता जो हूबहू किसी दृश्य में बंधती Read More
गीतिका/ग़ज़ल हेमंत सिंह कुशवाह 25/08/2021 ग़ज़ल नौजवानों आज ये फरमान एक जारी करो। नौकरी की रिक्तियों पर भर्तियाँ सारी करो। इस सियासत को करो मजबूर सुनने Read More
कविता हेमंत सिंह कुशवाह 30/05/2021 लड़की पूनम की झिलमिल चांदनी सी लड़की, सुबहों में बजती हुई रागिनी सी लड़की, मिजाजों में जलेबी जैसा टेढ़ापन है पर, Read More
गीतिका/ग़ज़ल हेमंत सिंह कुशवाह 15/03/2021 ग़ज़ल जिन्हें हम रुह दिये बैठे वही हमें रुलाऐ हम तो समझे थे अपना और वफ़ा निभाऐ इश्क को तो बस Read More