पर्यावरण

कैनरी एक सुंदर और मधुर आवाज़ वाला पक्षी।

कैनरी एक सुंदर और मधुर आवाज़ वाला पक्षी है, जो अपने पीले रंग के लिए जाना जाता है। यहाँ कुछ रोचक जानकारी है, कैनरी के बारे में,
कैनरी की उत्पत्ति कैनरी द्वीप समूह में हुई थी, जो स्पेन के अटलांटिक महासागर में स्थित है।कैनरी का आकार लगभग 10-12 सेंटीमीटर होता है, और इसका रंग पीला होता है, जो कभी-कभी हरे या भूरे रंग के साथ मिला होता है। कैनरी की मधुर आवाज़ इसकी सबसे विशेषता है। यह पक्षी विभिन्न प्रकार के गीत गाता है, जो बहुत ही सुरीले और आकर्षक होते हैं। कैनरी का मुख्य आहार बीज, फल, और कीड़े होते हैं।
कैनरी का प्रजनन मौसम मार्च से अगस्त तक होता है, और यह पक्षी एक बार में 2-5 अंडे देता है।कैनरी की देखभाल करना बहुत आसान है, लेकिन इसके लिए एक बड़े पिंजरे और एक स्वस्थ आहार की आवश्यकता होती है।
कैनरी एक बहुत ही सुंदर और मधुर आवाज़ वाला पक्षी है, जो बहुत से लोगों को आकर्षित करता है।
कैनरी पक्षी दूसरे रंगों में भी पाया जाता है। जबकि पीला रंग कैनरी का सबसे आम और प्रसिद्ध रंग है, लेकिन ये पक्षी अन्य रंगों में भी पाए जाते हैं, जैसे कि,
सफेद,काला,भूरा,हरा,नीला,लाल,
कैनरी पक्षी की कुछ अन्य विशेषताएं हैं,
मधुर आवाज़, कैनरी पक्षी की मधुर आवाज़ इसकी सबसे विशेषता है।
आकर्षक प्रदर्शन,कैनरी पक्षी अपने प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं, जिसमें वे अपने पंखों को फैलाते हैं और अपनी मधुर आवाज़ से गीत गाते हैं।
बुद्धिमत्ता, कैनरी पक्षी बहुत ही बुद्धिमान होते हैं और वे अपने मालिकों के साथ अच्छा संबंध बना सकते हैं।
सामाजिक पक्षी,कैनरी पक्षी सामाजिक पक्षी होते हैं और वे अपने समूह में रहना पसंद करते हैं।
स्वच्छता,कैनरी पक्षी बहुत ही स्वच्छ पक्षी होते हैं और वे अपने पिंजरे को साफ रखने के लिए जाने जाते हैं।
इन विशेषताओं के कारण, कैनरी पक्षी बहुत ही लोकप्रिय पालतू पक्षी होते हैं।

— डॉ. मुश्ताक अहमद शाह

डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह

वालिद, अशफ़ाक़ अहमद शाह, नाम / हिन्दी - मुश्ताक़ अहमद शाह ENGLISH- Mushtaque Ahmad Shah उपनाम - सहज़ शिक्षा--- बी.कॉम,एम. कॉम , बी.एड. फार्मासिस्ट, होम्योपैथी एंड एलोपैथिक मेडिसिन आयुर्वेद रत्न, सी.सी. एच . जन्मतिथि- जून 24, जन्मभूमि - ग्राम बलड़ी, तहसील हरसूद, जिला खंडवा , कर्मभूमि - हरदा व्यवसाय - फार्मासिस्ट Mobile - 9993901625 email- dr.m.a.shaholo2@gmail.com , उर्दू ,हिंदी ,और इंग्लिश, का भाषा ज्ञान , लेखन में विशेष रुचि , अध्ययन करते रहना, और अपनी आज्ञानता का आभाष करते रहना , शौक - गीत गज़ल सामयिक लेख लिखना, वालिद साहब ने भी कई गीत ग़ज़लें लिखी हैं, आंखे अदब तहज़ीब के माहौल में ही खुली, वालिद साहब से मुत्तासिर होकर ही ग़ज़लें लिखने का शौक पैदा हुआ जो आपके सामने है, स्थायी पता- , मगरधा , जिला - हरदा, राज्य - मध्य प्रदेश पिन 461335, पूर्व प्राचार्य, ज्ञानदीप हाई स्कूल मगरधा, पूर्व प्रधान पाठक उर्दू माध्यमिक शाला बलड़ी, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, बलड़ी, कम्युनिटी हेल्थ वर्कर मगरधा, रचनाएँ निरंतर विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में 30 वर्षों से प्रकाशित हो रही है, अब तक दो हज़ार 2000 से अधिक रचनाएँ कविताएँ, ग़ज़लें सामयिक लेख प्रकाशित, निरंतर द ग्राम टू डे प्रकाशन समूह,दी वूमंस एक्सप्रेस समाचार पत्र, एडुकेशनल समाचार पत्र पटना बिहार, संस्कार धनी समाचार पत्र जबलपुर, कोल फील्डमिरर पश्चिम बंगाल अनोख तीर समाचार पत्र हरदा मध्यप्रदेश, दक्सिन समाचार पत्र, नगसर संवाद नगर कथा साप्ताहिक इटारसी, में कई ग़ज़लें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं, लेखक को दैनिक भास्कर, नवदुनिया, चौथा संसार दैनिक जागरण ,मंथन समाचार पत्र बुरहानपुर, और कोरकू देशम सप्ताहिक टिमरनी में 30 वर्षों तक स्थायी कॉलम के लिए रचनाएँ लिखी हैं, आवर भी कई पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ पढ़ने को मिल सकती हैं, अभी तक कई साझा संग्रहों एवं 7 ई साझा पत्रिकाओं का प्रकाशन, हाल ही में जो साझा संग्रह raveena प्रकाशन से प्रकाशित हुए हैं, उनमें से,1. मधुमालती, 2. कोविड ,3.काव्य ज्योति,4,जहां न पहुँचे रवि,5.दोहा ज्योति,6. गुलसितां 7.21वीं सदी के 11 कवि,8 काव्य दर्पण 9.जहाँ न पहुँचे कवि,मधु शाला प्रकाशन से 10,उर्विल,11, स्वर्णाभ,12 ,अमल तास,13गुलमोहर,14,मेरी क़लम से,15,मेरी अनुभूति,16,मेरी अभिव्यक्ति,17, बेटियां,18,कोहिनूर,19. मेरी क़लम से, 20 कविता बोलती है,21, हिंदी हैं हम,22 क़लम का कमाल,23 शब्द मेरे,24 तिरंगा ऊंचा रहे हमारा,और जील इन फिक्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित सझा संग्रह1, अल्फ़ाज़ शब्दों का पिटारा,2. तहरीरें कुछ सुलझी कुछ न अनसुलझी, दो ग़ज़ल संग्रह तुम भुलाये क्यों नहीं जाते, तेरी नाराज़गी और मेरी ग़ज़लें, और नवीन ग़ज़ल संग्रह जो आपके हाथ में है तेरा इंतेज़ार आज भी है,हाल ही में 5 ग़ज़ल संग्रह रवीना प्रकाशन से प्रकाशन में आने वाले हैं, जल्द ही अगले संग्रह आपके हाथ में होंगे, दुआओं का खैर तलब,,,,,,,

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