काल का प्रभाव
किस पर करें विश्वास
करें किस पर अविश्वास
अभी अभी जो अर्धांगिनी
अग्नि के सात फेरे
दुःख सुख में साथ निभाने की कसमें ले
जीवन में आई
रातों में घिरी रही आगोश में
क्या चल रहा मन में उसके
न समझ सका जीवन साथी
वह तो मदहोश था
भविष्य के सुखद सपनों में
काल क्या चक्र चल रहा
जो यह हो रहा
है प्रभाव काल का
लिखा जो शास्त्रों में साकार हो रहा
जो चल रही यह बयार
थमेगी यह कहां
छिन्नभिन्न कर देगी यह सब
समाज का ताना बाना