कदम कदम मिला के साथ
कदम कदम मिला के साथ बढ़ते जाएंगे।
मंजिल की हर सीढ़ियां हम चढ़ते जाएंगे।
हर कदम बढ़े हमारा,हिम्मत उल्लास से।
उत्साह भरा मन हो आगे बढ़ें विश्वास से।
कदम पड़े अंगद सा के रौंद दें चट्टान को।
बल भुजाओं में इतना रोक दें तूफान को।
फौलाद सी चट्टान सा, हम अड़ते जाएंगे।
कदम कदम मिला के साथ बढ़ते जाएंगे।
कर्म करें सुथरा सदा, दिल में सम्मान हो।
प्रेम सद्भाव भरा अपना ,हिन्दोस्तान हो।
उद्योग विकसित हों हर हाथ को काम हो।
विज्ञान उत्थान हो, विश्व में ऊॅंचा नाम हो।
सरहद की रक्षा जी जान से करते जाएंगे।
कदम कदम मिला के साथ बढ़ते जाएंगे
हिंदु मुस्लिम सिख ईसाई का भारत देश है।
बोलियां भिन्न भिन्न हैं, अलग अलग भेष है।
आचार सदाचार भरे यहाॅं, हमारे संस्कार हैं।
धर्म यहाॅं अनेक हैं पर , एकता में परिवार हैं।
मानवता का पाठ, मिल कर पढ़ते जाएंगे।
कदम कदम मिला के साथ बढ़ते जाएंगे।
— शिव सन्याल