कविता

डूबते को तिनके का सहारा

डूबते को तिनके का सहारा मिल जाता है
जीवन का एक एक पल सुखी हो जाता है
प्रभु ने हमको मानव जीवन दिया है
धर्म,परोपकार करके जीवन तर जाता है

किसी की जरूरत को पूरा हम करते है
लोगों के चेहरे पर खुशी और उत्साह देखते है
जीवन में जीना आसान लगने लगता है
भगवान की शरण में सब कुछ अच्छा होता है

किसी के दुख ,दर्द में काम जब आते है
दुआएं मिलती जीवन में काम आती है
मझधार से जीवन पार लग जाता है
डूबते को तिनके का सहारा मिल जाता है

— पूनम गुप्ता

पूनम गुप्ता

मेरी तीन कविताये बुक में प्रकाशित हो चुकी है भोपाल मध्यप्रदेश

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