डिफॉल्ट

वह कौन

चमचमाता सितारा कैसे यकायक 

गर्दिश में खो जाता है

दिन का उजाला कैसे रातों में बदल जाता है

कौन है वो 

जो यह कर रहा 

यह तो पक्का है कि वो आदम नही 

यह  आदम के वश की बात नहीं 

गर होता यह आदम के वश में

तो वोह सूरज को छुपने नही देता

तारे को टूट कर

धरती पे गिरने न देता

करता मनमानी

इस धरती को दोजख बना देता

जरूर ही यह किसी

ऐसी ताकत का खेल है

जो बनाए रखना चाहती है

एक व्यवस्था

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020

Leave a Reply