मुक्तक/दोहा

रिमझिम की बौछार

रिमझिम बरसें मेघ जी ,मन में भरें फुहार,
दादुर झींगुर गा रहे ,खुशियों की झंकार।

पावस में गाने लगी ,कोयल सुमधुर गीत ,
सजघज के तितली भली ,चली निभाने प्रीत।

हरी भरी धरती कहे, सुन लो मेघ पुकार ,
खेतों पर भी भेजना ,अपना नेह दुलार।

लाएंगे अब मेघजी,रिमझिम की बौछार ,
धरती पर फिर जिंदगी,होवेगी गुलजार।

धरती ,उपवन खेत में,हरियाली का जोर,
काले काले बादलों,बरसो अब घनघोर।

रिमझिम की सुरताल पे ,गूंजे बरखा गीत ,
आसमान से मेघ जी ,ढोल बजाते मीत।

— महेंद्र कुमार वर्मा

महेंद्र कुमार वर्मा

द्वारा जतिन वर्मा E 1---1103 रोहन अभिलाषा लोहेगांव ,वाघोली रोड ,वाघोली वाघेश्वरी मंदिर के पास पुणे [महाराष्ट्र] पिन --412207 मोबाइल नंबर --9893836328

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