ग़ज़ल
शेर जो इंतिख़ाब होते हैं
खुद ही अपना जवाब होते हैं
जो मुस्कुराते हैं साथ कांटो के
वही असली गुलाब होते हैं
साथ देते हैं जो हर मुश्किल में
दोस्त असली जनाब होते हैं
सच के ही साथ जो खड़े दिखते
लोग वह लाजवाब होते हैं
कशिश तो प्यार में होनी चाहिए
खुद ही वह बेनकाब होते हैं
झूठ से दूर वही दिखते जो
खुद ही सच की किताब होते हैं
उनका ही साथ यह दुनिया देती
खुद ही जो इंकलाब होते हैं
— डॉक्टर इंजीनियर मनोज श्रीवास्तव