गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

चाँद बोला चाँदनी से रात बाकी है |
मत छुपा मुख बादलो में बात बाकी है ||

आग आँखों में लिए बिजली गरजती है |
बादलो की आँख से बरसात बाकी है ||

देख लो बारिश बिना धरती पड़ी सूखी |
भुखमरी से मौत का आघात बाकी है ||

बेटिया आंगन में बस तब तक चहकती हैं |
द्वार आनी जब तलक बारात बाकी है ||

हम जमाने के विषय में जानते बहुत |
पर हमारा खुद से आत्मसात बाकी है ||

वो हमें जीने नहीं देगें कभी सुख से |
हादसो का तो अभी उत्पात बाकी है ||

— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त

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