कविता

योग करो भाई

चिंता तनाव अवसाद दूर भगाएं,
योग को जीवन में सभी अपनाएं,
दस मिनट रोज आप ताली बजाएं,
रक्त संचार को स्वयं बेहतर बनाएं ।

छोटी-मोटी बीमारी रहेगी दूर,
बड़ी बीमारियॉं भी होगी चूर,
योग से चेहरे पर चमकेगा नूर,
स्वस्थ आनंदित तन मन भरपूर ।

समय से नियमित योग करो भाई,
बिना खर्च रूपए पैसे की दवाई,
मानसिक कष्टों की होगी विदाई,
शरीर की करो आंतरिक सफाई ।

साॅंसों को दो नई उमंग आयाम,
करो सुबह-शाम पाॅंच प्राणायाम,
विचारों को दो थोड़ा सा विश्राम,
स्फूर्तिदायक करो कुछ व्यायाम ।

इड़ा पिंगला को संतुलित रखकर,
वर्तमान को बनाओ “आनंद” सुंदर,
जीवन लक्ष्य की ओर बढ़ो हॅंसकर,
रखो शरीर को आरोग्य ताकतवर ।

अच्छा स्वास्थ्य सॅंवारता है जीवन,
हर कोई चाहता है स्वस्थ तन-मन,
योग से बना रहता है आत्म यौवन,
जिसने अपनाया है वो सुखीजन ।

— मोनिका डागा “आनंद”

मोनिका डागा 'आनंद'

चेन्नई, तमिलनाडु

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