योग दिवस बहाना है
सूर्योदय से पूर्व ही यमराज का फोन आया
न चाहते हुए भी मैंने उठाया और पूछा
कहो मित्र- अलख सुबह फोन क्यों घुमाया?
यमराज बोला-कुछ खास तो नहीं प्रभु!
सोचा कि आपको योग दिवस की बधाई दे दूँ,
घोड़े बेचकर दोपहर तक सोने वाले
अपने यार को आज के दिन तो सूर्योदय पूर्व ही जगा दूँ।
मैं झल्लाया – अब जगा तो दिया ही
आगे बता अब क्या करना है?
आज कौन सा पहाड़ चढ़ना है?
या सिर्फ तेरी बकवास ही सुनना है ?
यमराज भड़क कर कहने लगा –
अरे बेशर्म – कुछ तो शर्म कर, दिमाग की बत्ती जला
और चुपचाप उठकर योग में लग जा।
मैंने प्यार से पूछा – तू मेरा यार है या दुश्मन
जो मुझसे योग के लिए कह रहा है,
अच्छा भला सो रहा था
और तू मुझे जगाकर योग की सलाह दे रहा है।
तुझे तो पता ही है कि योग से मेराछत्तीस का आँकड़ा है,
वैसे भी वो कौन सा मेरे लिए
पलक पांवड़े बिछाए मेरे द्वार पर खड़ा है।
यमराज गुस्से से बोला – मुझे नहीं पता था
कि मेरा यार इतना बेवकूफ है
जो इतनी सीधी सी बात भी नहीं समझता है,
सोशल मीडिया की अहमियत को नजरंदाज करता है।
कौन सा तुझे योग में ओलंपिक पदक लाने जाना है
बस योग करते हुए सिर्फ औपचारिकता ही तो निभाना है
चार छ: फोटो खींच कर सोशल मीडिया पर लगाना है
ज़माने को दिखाना है कि भाइयों – बहनों
आज तो योग का जमाना है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस तो महज बहाना है
सबको महज प्रचार-प्रसार पाना और पहचान बढ़ाना है,
एक दिन की क्या घंटे दो घंटे की बात है
कौन सा तुम्हें योग से रिश्ता निभाना है,
बस! सोशल मीडिया पर अपने योग मुद्रा की
फोटो डालकर लाइक कमेंट के साथ चर्चा भर पाना है।
अब इतना भी नहीं समझ रहे हो क्या यार?
अगला योग दिवस फिर एक साल बाद ही तो आना है,
तब तक आपके और जमाने के पास
सोने का भरपूर बहाना है।
आखिर कौन सा एक दिन में आप और नींद का
हमेशा के लिए तलाक हो जाना है,
साल भर तो सिर्फ आराम करना,
सोना और समय ही तो गुजारना है।