दो मुक्तक
विश्व योग दिवस
21.06.2025
“एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य हित योग”,
भोग भी करो ऐसे जैसे सहज योग,
हंसते-गाते रहो, सृष्टि को महकाते रहो,
आत्मा महकेगी, तन-मन रहेगा निरोग।
संजीवनी बूटी बन, तन-मन को योग जोड़े
चुस्ती-फुर्ती दे, आयु-स्वास्थ्य में योग करे,
योग करे साँसों में योग, जिजीविषा में योग,
योग करे बुद्धि में योग, आनंद-मौज में योग करे।
लीला तिवानी