बिटिया,रेशम डोरी…
रुमक-झूमक पायल छनकाती,
रंग बिरंगी कंगना खनकाती,
अंतस का मधुर सुरमई तराना ,
बिटिया, स्नेह का अनमोल खजाना।।
बोल तोतले जैसे मोहन की मोहिनी,
बांसुरी धुन से सुध-बुध खोये जननी,
पिता की परी, मनभावन सुहासिनी,
खिलखिलाती नन्ही सी जादूगरनी।।
दिलों को जोड़े रखती रेशम डोरी,
प्रेम, स्नेह छितराती कोमल फुलवारी,
विकास पथ की वह पथगामिनी,
बिटिया, घर-परिवार की रागिणी।।
पढ़ेगी बिटिया, सबका विकास करेगी,
शिक्षा धन पाकर विश्व कल्याण करेगी,
घर-आंगन की रौनक, दीपमाला बिटिया,
मात पिता के नेह निनाद है बिटिया।।
हौसले की पांखें दो, बेटी को पढ़ाओ,
संस्कार बीज बोकर स्वयंसिद्धा बनाओ,
आत्मविश्वास से स्वावलंबी उसे बनाओ,
बेटी धन की पेटी, उन्मुक्त जीना सीखाओ।।