पाया आशीर्वाद
ये तो है सौभाग्य हमारा, पाया आशीर्वाद।
ईश्वर की ये बड़ी कृपा है, बिना किसी फरियाद।।
मात पिता की मिलती छाया, जैसे शीतल छाँव।
हमको तो ऐसा लगता है, सुंदर जीवन गाँव।।
और नहीं कुछ चाह हमारी, बस हमको है याद।
ईश्वर की ये बड़ी कृपा है, बिना किसी फरियाद।।
मंदिर – मस्जिद गुरुद्वारा सा, होता है आभास।
मात-पिता के रज चरणों में, लगती दुनिया पास।।
जिनसे हमको मिले सदा ही, खुशियों का आमाद।
ये तो है सौभाग्य हमारा, पाया आशीर्वाद।।
बस इतनी सी चाहत मेरी, बनी रहे यह छाँव।
और धरा पर सदा हमारे, टिके रहें ये पाँव।।
जन मन से मैं केवल चाहूँ, रखूँ आस ना दाद।
ये तो है सौभाग्य हमारा, पाया आशीर्वाद।।
मात-पिता की यदि छाया हो, सिर पर उनका हाथ।
इससे अच्छा भला किसी को, मिलती खुशियां साथ।।
आप सभी भी हमको दे दो, ऐसा अतुल प्रसाद।
ये तो है सौभाग्य हमारा, पाया आशीर्वाद।।