कविता

मैं तो तुम्हारी राधा बनूँगी…!!!

मैं नही तुम्हारे साथ…
किसी सफ़र पर चलूँगी…
मैं नही तुम्हारे साथ…
जिन्दगी भर रहूंगी…
मैं तुम्हारा एहसास बनूँगी…
मैं तो तुम्हारी राधा बनूँगी….
मैं नही तुम्हारे साथ..
चाँद को देखूंगी..
मैं नही तुम्हारे साथ..
किसी सुबह में रहूंगी…
मैं बनके मुस्कान….
तुम्हारे होटों पर रहूंगी…
मैं तो तुम्हारी राधा बनूँगी….
मैं नही तुम्हारे साथ…
बारिशो में भीगुंगी..
मैं तो तुम्हे छूती..
बूंदों में रहूंगी…
मैं तो तुम्हारी राधा बनूँगी….
मैं नही तुम्हारी किसी खुशी में..
शामिल रहूंगी..
ना ही तुम्हारे किसी पुरे होते..
सपने का हिस्सा ही बनूँगी..
मैं तो तुम्हारी बंद आखों के…
सपनो में रहूंगी..
मैं तो तुम्हारी राधा बनूँगी….
मैं नही तुम्हारे पन्नो पर,
बिखरे शब्दों में रहूंगी….
मैं तो तुम्हारे…
अनकहे ख्यालों में रहूंगी..
मैं नही तुम्हारे..
जवाबों में रहूंगी…
मैं तो तुम्हारी आपस में,
उलझती उँगलियों के..
सवालो में रहूंगी…
मैं तो तुम्हारी राधा बनूँगी…!!!

 सुषमा कुमारी 

सुषमा कुमारी

शिक्षा-बी.एड.एम.ए.( यु जी सी नेट समाजशास्त्र) कार्य-डिग्रीकॉलेज में प्रवक्ता... जन्मतिथि- २०-०८ -१९८४ पिता-श्री हरी चन्द्र माता- श्रीमती जमुना देवी.... ..... पता-कानपुर मेल[email protected] ब्लॉग- आहुति ब्लॉगलिंक- sushmaaahuti.blogspot.com संपर्क सूत्र- 9580647382 काव्य संग्रह- अनुगूँज , ह्रदय तारो का स्पंदन ,टूटते तारो की उड़ान , वटवृक्ष परिचय-मेरा परिचय तब तक अधूरा है जब तक मै अपने माता पिता का जिक् ना कर लूँ आज मै जो कुछ भी हूँ इनके ही त्याग और कठिन संघर्ष के कारण ही हूँ इनके ही दिये आर्शीवाद और दिये संस्कारो से ही आज मैने अपनी पहचान बनायी है..!!!!........... रंग तितलियों में भर सकती हूँ मैं...... फूलो से खुशबू भी चुरा सकती हूँ मैं.... यूँ ही कुछ लिखते-लिखते इतिहास भी रच सकती हूँ मैं......!!

One thought on “मैं तो तुम्हारी राधा बनूँगी…!!!

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत सुंदर !

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