राजनीति

यह असहिष्णुता शर्मनाक है

यह असहिष्णुता शर्मनाक है, हम इसका विरोध आज नहीं करेंगे, तो कब करेंगे, सोचो हमारा क्या होगा ?

मोदीजी के प्रधानमंत्री बनते ही आम हिन्दुओं और मुसलमानों को यह लग रहा था कि अब तो देश भयावह दंगों की चपेट में आ जाएगा और मुसलमानों का सरेआम कत्लेआम होने लगेगा I आर.एस.एस. को खुली छुट मिल जाएगी और पता नहीं इस देश में कितनी अनहोनियाँ हो जायेंगी I क्योंकि मोदीजी को रोकने वालों ने प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से बार बार, हर बार यही तो बताया था I ऐसे भरमाये और भटकाए हुए भोले लोग दंगों की प्रतीक्षा में थे, अनिष्ट की आशंका में थे I

पर हुआ एकदम उल्टा I आर.एस.एस.की पाठशाला से निकला देशभक्त प्रधानमंत्री तो बहुप्रतीक्षित और सेक्यूलरों द्वारा घोषित दंगों की बार बार दोहराई गई भविष्यवाणी को झूठलाते हुए सबके विकास की दौड़ में लग गया I आम मुसलमान अपने आप को सर्वाधिक सुरक्षित महसूस करने लगा I उसे गुजराती मुसलमानों की तरक्की पर सहसा विश्वास होने लगा I भ्रम के बादल छटने लगे I उसने आर.एस.एस. के जुलूसों का स्वागत करना शुरू किया I

हिन्दुओं के पक्ष में मौलवी बयान देने लगे I अमनपसंद जावेद अख्तर जैसे अनेकों मुसलमान खुलकर भारत के पक्ष में खड़े होने लगे I मुसलमानों और हरेक आदमी को एक किस्म की अनूठी राहत का स्वतंत्रता के बाद पहलीबार अहसास हुआ I अधिकांश मुसलमानों ने भी असुरक्षा के भ्रामक आवरण से निकलकर वास्तविक विकास के बारे में गम्भीरता और पूरे जोशखरोश तथा आत्मविश्वास के साथ कदम बढ़ाना शुरू कर दिए हैं I

दशकों से षड्यंत्रपूर्वक आर.एस.एस. और हिन्दुओं के खिलाफ पैदा किया गया नफरत का उनके द्वारा बनाया गया ठोस आधार डगमगाने लगा है I यही तो सबसे बड़ी असहिष्णुता है I

मेरा हर अमनपसंद और तरक्कीपसंद भारतीय नागरिक से करबद्ध निवेदन है कि नफरत की इस बुनियाद को नेस्तनाबूद करने की मोदीजी और आर.एस.एस. की दिली इच्छा को पूर्ण करें और भारत की सम्पूर्ण और हकीकतन तरक्की के लिए भाईचारे के साथ जुट जाएं I उन लोगों से बचें जो छोटी घटनाओं की आड़ में नफरतों और हिंसा के तूफ़ान के लिए पूरी ताकत से लगे हुए हैं I

भगतसिंह, अशफाक़उल्ला, सुखदेव, नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसे हजारों शहीदों के सतत प्रयासों से मिली आजादी की असली कीमत समझें I उनकी शहादत को बेकार नहीं जाने देना है I

Regards,
Dr. Manohar Bhandari
MBBS, MD
Indore,
Contact : +919425032324

One thought on “यह असहिष्णुता शर्मनाक है

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    लेख अच्छा लगा ,आप से सहमत हूँ .

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