गीत/नवगीत

गीत : तेरे साथ मुस्कुराऊँ !

तेरे दिल को जो लुभा ले
कोई ऐसा गीत गाऊँ
है एक ही तमन्ना
तेरे साथ मुस्कुराऊँ

खिल उठे कमल ये दिल का
जब मेरा नाम ले तू
अंगारों पे भी चल दूँ
जो हाथ थाम ले तू
दिन-रात मेरे हमदम
तेरे ख्वाब मैं सजाऊँ
है एक ही तमन्ना
तेरे साथ मुस्कुराऊँ

किसी और की नहीं चाह
तेरा साथ सबसे प्यारा
तुझसे बिछड़ के जीना
इक पल नहीं गवारा
मेरी आँखों में बसे गर
कभी अश्क ना बहाऊँ
है एक ही तमन्ना
तेरे साथ मुस्कुराऊँ

तुमको खबर नहीं मैं
तुम्हें कितना चाहता हूँ
वहां चोट तुमको जो लगे
मैं यहां कराहता हूँ
मुझसे अगर तू रूठे
जां दे के मैं मनाऊँ
है एक ही तमन्ना
तेरे साथ मुस्कुराऊँ

सूरज की रोशनी भी
चंदा की चाँदनी भी
तू ही बहार-ए-गुलशन
गीतों की रागिनी भी
तू हमसफर बने जो
पलकों पे मैं बिठाऊँ
है एक ही तमन्ना
तेरे साथ मुस्कुराऊँ

तेरा जादू ऐसा छाया
मेरे दिल, मेरी नज़र पे
तुझसे ही तुझको माँगूं
करूँ सजदा तेरे दर पे
करके तेरी इबादत
बुत को खुदा बनाऊँ
है एक ही तमन्ना
तेरे साथ मुस्कुराऊँ

तेरे दिल को जो लुभा ले
कोई ऐसा गीत गाऊँ
है एक ही तमन्ना
तेरे साथ मुस्कुराऊँ

— भरत मल्होत्रा

*भरत मल्होत्रा

जन्म 17 अगस्त 1970 शिक्षा स्नातक, पेशे से व्यावसायी, मूल रूप से अमृतसर, पंजाब निवासी और वर्तमान में माया नगरी मुम्बई में निवास, कृति- ‘पहले ही चर्चे हैं जमाने में’ (पहला स्वतंत्र संग्रह), विविध- देश व विदेश (कनाडा) के प्रतिष्ठित समाचार पत्र, पत्रिकाओं व कुछ साझा संग्रहों में रचनायें प्रकाशित, मुख्यतः गजल लेखन में रुचि के साथ सोशल मीडिया पर भी सक्रिय, सम्पर्क- डी-702, वृन्दावन बिल्डिंग, पवार पब्लिक स्कूल के पास, पिंसुर जिमखाना, कांदिवली (वेस्ट) मुम्बई-400067 मो. 9820145107 ईमेल- [email protected]

One thought on “गीत : तेरे साथ मुस्कुराऊँ !

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत खूब .

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