गीत : ये जिंदगी गुजरे सनम पनाहों में तेरी
तेरे नाम से ही साथी पहचान हो मेरी
ये जिंदगी गुजरे सनम पनाहों में तेरी।।
गम कोसों दूर तुझसे रहें मेरे हमसफ़र
इक याद रहे मुझको बस तेरी रहगुजर
रहती है आरजू यही दिन रात अब मेरी
ये जिंदगी गुजरे सनम पनाहों में तेरी।
तेरे साथ का कमाल है जो मैं बहक गयी
तेरे प्यार की खुशबू से मैं तो महक गयी
यूँ ही सजता रहे गुलशन बहार से तेरी
ये जिंदगी गुजरे सनम पनाहों में तेरी।
जाना न मुझे छोड़कर ऐ मेरे हमनशीं
करती हूँ गुजारिश दिलबर ऐ जांनशीं
जुड़ीं एक ही मंजिल से राहें तेरी मेरी
ये जिंदगी गुजरे सनम पनाहों में तेरी।
तेरे नाम से ही साथी पहचान हो मेरी
ये जिंदगी गुजरे सनम पनाहों में तेरी।।
तेरे नाम से ही साथी पहचान हो मेरी
ये जिंदगी गुजरे सनम पनाहों में तेरी। बहुत खूब .
हार्दिक धन्यवाद गुरमेल सिंह जी
वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
लाजवाब सृजन
बहुत शुक्रिया राज किशोर जी
प्रिय सखी पूनम जी, प्रेम रस से सराबोर वासंती ऋतु में यह गीत ऋतुराज वसंत के मानिंद बहार लाया.
धन्यवाद लीला जी , हार्दिक आभार व्यक्त करती हूँ….