मुक्तक
कहता है मुझे भूल जाओ तंग न करो
मुझको तुम छोड़ दो .मेरा संग न करो
जिसके लिए छोड़ दिया सारे जहां को
सरेआम वो कहता है मुझको तंग न करो
©अरुण निषाद
कहता है मुझे भूल जाओ तंग न करो
मुझको तुम छोड़ दो .मेरा संग न करो
जिसके लिए छोड़ दिया सारे जहां को
सरेआम वो कहता है मुझको तंग न करो
©अरुण निषाद
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एक साथ तीन चार मुक्तक दें तो बेहतर है.
जी सर …सादर प्रणाम
वाह वाह !
सादर प्रणाम