गीत/नवगीत

गीत : कहो इश्क़ के थर्मामीटर

इक-दूजे से प्यार करें हम, किसको ज्यादा प्यार बताओ ?
कहो इश्क़ के थर्मामीटर, किसको अधिक बुखार बताओ ?

खुद को कैसे कम कह दूँ मैं,
भली-भाँति मैं खुद को जानूँ.
मगर तुम्हारे दिल को भी मैं,
खुद से ज्यादा अच्छा मानूँ.
फिर भी सोचूँ हम दोनों में,कौन अधिक बीमार, बताओ ?
कहो इश्क़ के थर्मामीटर, किसको अधिक बुखार बताओ ?

रह ना पाते इक-दूजे बिन,
जाने कैसी ये मजबूरी.
चाहे हो पल भर का मिलना,
लेकिन मिलना बहुत ज़रूरी.
कभी इश्क़ के हिस्से में क्या, आता है इतवार बताओ ?
कहो इश्क़ के थर्मामीटर,किसको अधिक बुखार बताओ ?

उसके चूने लगा पसीना,
कह न सका कुछ भी बेचारा.
टूट गया ज्यों थर्मामीटर,
बिखर गया सब उसका पारा.
कुछ हिम्मत कर बोला मुझसे – मैंने मानी हार,बताओ ?
कहो इश्क़ के थर्मामीटर, किसको अधिक बुखार बताओ ?

*अर्चना पांडा

कैलिफ़ोर्निया अमेरिका

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