शिव भजन
मेरी प्रकाशित पुस्तक ‘श्री हरि-भजनामृत” से दो शिव भजन
घर आए मेरे शिव भोले, कुछ-कुछ कह गए शिव भोले
1.दिल न किसी का दुखाना कभी
अनजाने भी न सताना कभी
वरना बरसेंगे शोले, ऐसे वचन कह गए भोले-घर आए मेरे शिव———-
2.सत-चित-आनंद रूप तेरा
सिमरन करले नित मेरा
धन से मुझको क्यों तोले, ऐसे वचन कह गए भोले-घर आए मेरे शिव——–
3.नर-तन का उपहार मिला
प्यार-ही-प्यार के सुमन खिला
दुख का विष तू क्यों घोले, ऐसे वचन कह गए भोले-घर आए मेरे शिव——-
4.जो करना है अब करले
शुभ कर्मों से मन भरले
मन से निर्मल तू होले, ऐसे वचन कह गए भोले-घर आए मेरे शिव—————-
5.कृपा चाहे जो तू मेरी
कर न तनिक भी तू देरी
रटता जा जय शिव भोले, ऐसे वचन कह गए भोले-घर आए मेरे शिव——–
6.मायादि ने सताया तुझे
भव-बंधन ने नचाया तुझे
प्रभु ही भव-बंधन खोलें, ऐसे वचन कह गए भोले-घर आए मेरे शिव———
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सालगिरह शिव-गौरां की शादी की आज है आई, बधाई सबको बधाई(2) (2)
नाच रहे शिव-गौरां छम-छम आनंद-वेला आई, बधाई सबको बधाई(2) (2)-
1.शिव के मस्तक चंदा है गौरां का टीका प्यारा है
दुनिया के आभूषणों से शिव-आभूषण न्यारा है
नाच रहे शिव-गौरां छम-छम आनंद-वेला आई, बधाई सबको बधाई(2) (2)-
2.शिव के बदन पे भस्मी है गौरां का पाउडर प्यारा है
दुनिया के श्रंगारों से शिव-श्रंगार निराला है-नाच रहे शिव-गौरां छम-छम——-
3.शिव को मृगछाला सोहे गौरां का लहंगा प्यारा है
दुनिया के सब वेशों से शिव का वेश निराला है-नाच रहे शिव-गौरां छम-छम——-
4.शिव-गौरां की गोदी में गजमुख लाल दुलारा है
दुनिया के परिवारों से शिव-परिवार निराला है-नाच रहे शिव-गौरां छम-छम——-
5.ऐसी प्यारी यह वेला बरसों-बरस तक आती रहे
आनंदित हो यह जोड़ी हमको भी हर्षाती रहे-नाच रहे शिव-गौरां छम-छम——-
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बहिन जी ! भजन अच्छे लगे। यह भी मुहावरा याद आया कि “जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखि तिन तैसी। ” सादर।
प्रिय मनमोहन भाई जी, आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है. सार्थक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.
लीला बहन, आप के लिखे भजन बहुत मनमोहक लगे ,पड़ने और समझने में आसान और सब से बड़ी बात दिल को छू लेने वाले हैं .
प्रिय गुरमैल भाई जी, मनमोहक प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.
लीला बहन, आप के लिखे भजन बहुत मनमोहक लगे ,पड़ने और समझने में आसान और सब से बड़ी बात दिल को छू लेने वाले हैं .