गीतिका/ग़ज़ल

देश को दिल और मेरी जान लिख…

देश को दिल और मेरी जान लिख।
मैं हिन्दुस्तानी हूं यही पहचान लिख॥

दिल में धडकता है तिरंगा रात दिन।
दिल्ली को मेरी आन बान शान लिख॥

गंगां को जीवन और यमुना को बदन।
कश्मीर घाटी को हमारा मान लिख॥

वेद और पुराण धमनियों में है हमारी।
भावों को गीता साथ ही कुरान लिख॥

हम प्रेम पुजारी हैं मानवता पालते है।
मेहमान लगता है हमें भगवान लिख॥

हम रंग बिरंगे फूल है अपने चमन के।
फूलों का ग़ुलदस्ता है हिन्दुस्तान लिख॥

हिन्दु मुस्लिम,सिख,ईसाई,पारसी है।
पर सबसे पहले हिंद की संतान लिख॥

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.

2 thoughts on “देश को दिल और मेरी जान लिख…

  • विजय कुमार सिंघल

    सुन्दर ग़ज़ल !

    • सतीश बंसल

      शुक्रिया विजय जी…

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