कविता

तेरा मेरा

तेरा मेरा, मेरा तेरा
क्या है इस जग में
क्यों तू ये सब कैरे
तुझको मुझको, मुझको तुझको
जाना है इक दिन
यूही छोड़कर सबको
भूल कर बाते सारी पुरानी
लिखता चल एक नई कहानी
ईर्ष्या गुस्सा और नफरत का
कर देना तू तर्पण
याद करके श्रषियो की बानी
और मुनियो का दर्शन
काम कर तू इस जग में ऐसा
बन जाए तू सदभाव निशानी
ये मन चंचल है दिवानी
झूठे स्वप्न दिखाकर कहता
सच है एक एक लफ्ज जुबानी

अनुपमा दीक्षित ” मयंक “

अनुपमा दीक्षित भारद्वाज

नाम - अनुपमा दीक्षित भारद्वाज पिता - जय प्रकाश दीक्षित पता - एल.आइ.जी. ७२७ सेक्टर डी कालिन्दी बिहार जिला - आगरा उ.प्र. पिन - २८२००६ जन्म तिथि - ०९/०४/१९९२ मो.- ७५३५०९४११९ सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन छन्दयुक्त एवं छन्दबद्ध रचनाएं देश विदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रो एवं पत्रिकाओ मे रचनाएं प्रकाशित। शिक्षा - परास्नातक ( बीज विग्यान एवं प्रोद्योगिकी ) बी. एड ईमेल - [email protected]