कविता : बूढ़े शब्द
अपनी उम्र के कुछ बूढ़े —
पक्के बाल से ,
कमर झुकी सी ,
शब्द कंपकपाते हुऐ से ,
इस आज से , कुछ पनहा मांगते से !
अपने कल की दुहाई देते से ,
गिड़गिड़ाते हुऐ —
अपने होने का एहसास कराते से !
कुछ पल , कुछ लम्हे ,
अपनों से मांगते से ,
उम्र की दहलीज को पार कर ,
अपने वजूद को खोते से ,
दुआओं को बाँटते हुऐ !
अपने लिए मौत मांगते से ,
कुछ बूढ़े शब्द मेरे से !!
— डॉली अग्रवाल