यहाँ अब सब कुछ निर्विरोध होना चाहिये
यहाँ अब सब कुछ निर्विरोध होना चाहिये |
रिश्तो में अपनेपन का बोध होना चाहिये||1
नजरो ही नज़रो में दिल देते है देने वाले |
इस पर तो अब जरुर शोध होना चाहिये||2
है अगर सामर्थ्य तो करे काम भलाई के |
नेकी में भला क्यूँ अवरोध होना चाहिये ||3
सत्य ईमानदारी भाईचारे की ही बात हो |
हर गलत बात का प्रतिरोध होना चाहिये||4
ज्ञान का दीप तो जलाओ साधक जहाँ में |
हर बात का अब प्रतिबोध होना चाहिये || 5
“दिनेश “ साधक