कविता

श्रीराम जन्मभूमि पर जन्मोत्सव कब ??

जन्म हुआ महलों में जिनका
प्रजा को दिल में वास दिया
पिता का वचन निभाने खातिर
राज छोड़ वनवास लिया

अब भी है वनवासी प्रभु जी
तम्बू तीरपालमें रहते है
सर्दी गर्मी लू और बारिस
हँस हँस कर के सहते है

नहीं रहे प्रभु भरत से भाई
चरणपादुका जो पूजे
राम के नाम की राजनीती से
सत्ता तक है जा पहुँचे

जन्मभूमि पर हो जन्मोत्सव
यह सबकी अभिलाषा हो
रामनवमी के पावन दिन पर
सबकी पूरी ये आशा हो

रामराज्य की परिकल्पना
तब ही होगी सच में साकार
जन्मभूमि पर प्यारा मंदिर
बन जायेगा अबकी बार
$पुरुषोत्तम जाजु$

पुरुषोत्तम जाजू

पुरुषोत्तम जाजु c/304,गार्डन कोर्ट अमृत वाणी रोड भायंदर (वेस्ट)जिला _ठाणे महाराष्ट्र मोबाइल 9321426507 सम्प्रति =स्वतंत्र लेखन