“मुक्तक”
शीर्षक-मुक्तक, उपवन , बाग़, बगीचा, उद्यान, वाटिका, गुलशन।
पथिक भी अब बाग में रुकता नहीं
छांव उपवन में कहीं दिखता नहीं
उजड़ा हुआ गुलशन बिरानी वाटिका
भौरा भी कलियाँ जबह करता नहीं॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
शीर्षक-मुक्तक, उपवन , बाग़, बगीचा, उद्यान, वाटिका, गुलशन।
पथिक भी अब बाग में रुकता नहीं
छांव उपवन में कहीं दिखता नहीं
उजड़ा हुआ गुलशन बिरानी वाटिका
भौरा भी कलियाँ जबह करता नहीं॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी