अच्छा संदेश सुनाते रहो
तुम जहां भी रहो मुस्कुराते रहो!!
गीत- गाते हुए खिलखिलाते रहो।
फूलों की तरह पंखुड़ी खोलकर
सब जगह सुगंध पहुँचाते रहो।
कभी जिन्दगी में ना मुरझाना तुम
मधुर आवाज़ में गुनगुनाते रहो।
न आये पास कभी गम का साया,
दुख में भी कभी न घबराना तुम
अपने पर को इतना फैलाओ तुम
चिड़ियों की तरह फुरफुराते रहो।
धरा से लेकर गगन को छुओ
जहां को अच्छा सन्देश सुनाते रहो।
__रमेश कुमार सिंह
_____________04-03-2016