सपनों में हर वक्त सवंरती रही!
जिन्दगी यूँ ही शिकवा करती रही।
तुम्हारी यादों में हर पल तड़पती रही।
बार बार बिन बताये आ जाती हो तुम,
दिल में हलचल हमेशा मचलती रही।
तुम्हारी यादों में हर वक्त डुबा रहूँ,
ख्वाबों में तेरी परछाइयाँ चलती रही।
जखम दिल का इतना गहरा हुआ,
कि हर लम्हों में तू ही गुजरती रही।
मुस्कुराते हुए खिलखिलाते हुए,
मेरे सपनों में हर वक्त सवंरती रही।
__________रमेश कुमार सिंह