सर्जिकल स्ट्राइक पर सेकुलरवादियों की शर्मनाक हरकतें
उरी हमले में 18 जवानों की शहादत के बाद जहाँ देशभर में पाकिस्तान के प्रति गुस्से का आलम था वहीं उसके 10 दिन के बाद जब भारतीय सेना के जांबाजों ने अपनी सर्जिकल स्ट्राइक के माध्यम से पाकिस्तान की सीमा के अंदर घुसकर कम से कम 40 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। उसके बाद देश का पूरा वातावरण ही बदल गया है। यही नहीं जहां पूरे देश में पीएम मोदी के साहसिक निर्णय की तारीफ हो रही है, वहीं दूसरी ओर सीमा पर भी तनाव लगातार बढ़ रहा है। यहां तक कि आने वाले दिनों में यह तनाव गहराने तक की संभावना व्यक्त की जा रही है। शुरूआत में तो विपक्ष ने सरकार के हर कदम व निर्णय पर साथ रहने का वादा और दावा किया, लेकिन अब वह उन सभी गद्दार सेकुलर दलों के गले की फाँस बनता जा रहा है।
आप नेता केजरीवाल, कांग्रेसी नेता संजय निरूपम, पी चिदम्बरम और दिग्विजय सिंह सरीखे नेता अब अपनी लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए पाकिस्तान के राजदूत की तरह काम कर रहे हैं। यह भारतीय राजनीति का बहुत ही दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण अध्याय है कि जब पूरा देश आतंकवाद व युद्ध के मुहाने पर खड़ा है उस समय भारतीय राजनेता ऐसी ओछी बयानबाजी कर रहे हैं जिससे सेना व सत्ता प्रतिष्ठान का मनोबल गिरे। अमेरिका ने जब ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए आपरेशन किया था तब दुनिया के किसी भी देश और वहां के किसी भी दल या सांसद ने आतंकी लादेन को मारने के सबूत मांगने का साहस नहीं किया था। यह काली और देशद्रोही राजनीति केवल भारत में ही संभव है।
कांग्रेस पार्टी में यदि साहस है तो वह कसाब और अफजल गुरू को फांसी देने का वीडियो जनता के बीच जारी करे। यदि कांग्रेस में साहस है तो वह 1965 के युद्ध के वीडियो जनता के बीच जारी करे। यह कांग्रेस पार्टी ही है जिसने 1965 के युद्ध का राजनैतिक लाभ लेने का पूरा प्रयास किया था। कांग्रेस ने हमेशा लाभ की राजनीति की है। वर्तमान समय में कांग्रेस केजरीवाल जैसे गद्दार और जहरीले सांप के बल पर अपनी राजनीति को चमकाने का प्रयास कर रही है। आने वाले दिनों में पाक के साथ युद्ध होने की स्थिति व उसके बाद इन दलों व नेताओं की भी सर्जरी बेहद जरूरी हो जायेगी। नहीं तो यह नेता परमाणु बम और पता नहीं क्या-क्या सबूत मांगने लगेंगे और देश की सुरक्षा खतरे में पड़ जायेगी।
भारत में इस समय दो प्रकार के देशभक्तों की जमात खड़ी दिखायी पड़ रही है। एक वह है जो देश की रक्षा व विकास करने में लगातार लगी हुई है। वहीं एक देशभक्त जमात ऐसी है जिसके लोगों को विश्वभर में जब भारत की बदनामी व पराजय होती है तब उन्हें अच्छा लगता है। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पूरे देश में पीएम मोदी की जय-जयकार हो रही हैं। आगामी दिनों में उप्र सहित कई राज्यों में विधानसभा चुनाव संभावित है। सेना की ओर से उठाये गये साहसिक कदमों के बाद राष्ट्रवाद की जय-जयकार होने लग गयी है, जिसके कारण इन सेकुलर दलों के पेट में दर्द उठना स्वाभाविक हो गया था। अभी चूंकि तवा गरम चल रहा था इसलिए यह दल चुप्पी साधकर बैठे थे। इन सभी दलों को अब धीरे-धीरे यह लगने लग गया है कि यदि मोदी सरकार के समय में सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ इसी तरह से अभियान सफलतापूर्वक चला और भारत सरकार ने यदि पाक अधिकृत कश्मीर को आजाद करा लिया और बलूचिस्तान को भी आजाद करा दिया तब तो सेकुलरवादियों की जमीन ही समाप्त हो जायेगी। यही सोचकर इन तथाकथित देशभक्त सेकुलरवादियों की आवाजें बुलंद होने लग गयी हैैं।
आजकल पाकिस्तान में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वह पाकिस्तान के उस झूठ के प्रोपगंडा के साथ हैं जिसमें कहा जा रहा है कि भारत सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत को दुनिया भर के सामने पेश करें। अभी दुनिया के लोगों ने तो भारत से किसी प्रकार का सबूत नहीं मांगा है लेकिन केजरीवल एंड कंपनी, पी चिंदबरम व संजय निरूपम जैसे नेता भारत सरकार व सेना से सर्जिकल के सबूत मांगने लग गये हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक पर सबसे गंदे बयान केजरीवाल और संजय निरूपम जैसे देशद्रोही नेताओं के ही आये हैं। इस प्रकार के तथाकथित सेकुलर नेता ही भारत के लिए सबसे बड़ा आंतरिक व बाहरी खतरा बन चुके हैं। यह ऐसे नेता हैं कियदि कल पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला कर दे तो ये लोग भारत से सबूत मांगने लग जायेंगे। ये दल भारत की खेलों में विजय के सबूत मांगने लग जायेंगे। अब समय आ गया है कि यदि अभी जब पाकिस्तान पर और सर्जिकल स्ट्राइक हो तथा पाकिस्तान के साथ भीषण युद्ध की नौबत आ जाये तब सबसे पहले इन सभी नेताओं को जेल में डाल देना चाहिये। संजय निरूपम और पी चिदम्बरम जैसे नेता देश में बाहर खुलेआम घूमने के लायक नहीं रह गये हैं। इन दलों ने हमारी सेना के जांबाजों का दिल दुखाया है।
इन दलों का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक का उपयोग राजनैतिक लाभ लेने के लिए किया जा रहा है। यह पूरी तरह से गलत है। ये नेता पाक मीडिया की ओर से जो झूठा प्रचार किया जा रहा है उसके जाल में फंस गये हैं, ऐसा साफ प्रतीत हो रहा है। भारतीय लोकतंत्र में बड़ी गहरायी है। आजकल भारत के नेतागण अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व अपनी टीआरपी को बरकरार रखने के लिए देशद्रोह तक करने को तैयार बैठे हैं। संजय निरूपम जैसे नेता दावा कर रहे हैं कि यूपीए-2 में भी सर्जिकल स्ट्राइक की गयी थी यदि की गयी थी तो वह भी सबूत पेश करें अन्यथा देश के जवानों का मनोबल गिराने के लिए पूरे देश की जनता से माफी मांगें। यह कांग्रेस के शासनकाल का ही परिणाम है कि आज भारत आतंकवाद व देशद्रोही सेकुलर आवाजों के खतरे से कराह रहा है। अब समय आ गया है कि इन दलों का भी अच्छी तरह से सर्जिकल इलाज कर दिया जाये।
— मृत्युंजय दीक्षित