“तुम्हारी यादों को ख्वाबो में सजा कर रखूँगा”
तुम्हारी यादों को ख्वाबो में सजा कर रखूँगा।
अपनी बातो को तुमसे मिल-मिलाकर रखूँगा
यहाँ डर लगता है तुम कभी भूल न जाओ हमें,
इस वजह से दिल को दिल में लगाकर रखूँगा।
बराबर तुम्हीं से यही प्रेम हरक्षण बनाकर रखूँगा।
प्रेमयुक्त भरी इस जहाँ में कहीं खो न जाओ।
मुझे छोड़कर इस भरी महफिल में खो न जाओ।
दिल धड़कता है कहीं दूर हो जाओ न तुम,
इस वजह से महफिल को प्रेममय बनाकर रखूँगा।
बराबर तुम्हीं से यही प्रेम हरक्षण बनाकर रखूँगा।
_________________________रमेश कुमार सिंह