कविता : रानी लक्ष्मीबाई
रानी लक्ष्मीबाई
धर काली का रोंद्र रुप
अंग्रेजों का संहार किया !
मातृभूमि की रक्षा हेतु
दुर्गा का अवतार लिया ! !
बुद्धि-विवेक श्रंगार था जिसका
जो अस्त्र – शस्त्र की ज्ञानी थी !
त्याग वैभव, जो मर्दों सी लड़ी,
वो झाँसी वाली रानी थी ! !
पीठ बाँध कर नन्हा बालक,
अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए !
न जाने कितने ही शत्रु,
रणभूमि पर उसने गिरा दिए ! !
गवारा न थी जिसको गुलामी,
वो रानी बड़ी स्वाभिमानी थी !
झाँसी की रक्षा की खातिर,
वीरांगना “मनु” ने दी कुर्बानी थी ! !
अंजु गुप्ता