मुक्तक : आधुनिक पत्नी
आजकल के जमाने में, इसी पे शोध होता है।
पड़ोसन की फ़िज़ा देखी, वहीं अवरोध होता है।
गिनाने तब लगी सजनी, ज़रा खुद हाल को देखो।
मुसीबत से गुज़ारे दिन, नहीं अब बोध होता है।
— राजकिशोर मिश्र
आजकल के जमाने में, इसी पे शोध होता है।
पड़ोसन की फ़िज़ा देखी, वहीं अवरोध होता है।
गिनाने तब लगी सजनी, ज़रा खुद हाल को देखो।
मुसीबत से गुज़ारे दिन, नहीं अब बोध होता है।
— राजकिशोर मिश्र