माँ
माँ के आँखों से रोशन हुआ जब जहाँ,
उन उजालों का कोई भी सानी नहीं
खुद अंधेरे में रोशन किया दीप ने
चाँद तारे थे गुम एक कहानी नहीं
— राजकिशोर मिश्र ‘राज’
माँ के आँखों से रोशन हुआ जब जहाँ,
उन उजालों का कोई भी सानी नहीं
खुद अंधेरे में रोशन किया दीप ने
चाँद तारे थे गुम एक कहानी नहीं
— राजकिशोर मिश्र ‘राज’