कविता

जीवन संघर्ष

जिंदगी एक पहेली सी है

जितना सुलझाओ उतना ही

उलझती जाती है

कब किस मोड़ पर एक चुनौती

बनकर सामने आ जाए इसकी

खबर तक नहीं चलती है

बड़ी ही अजनबी जिंदगी की कसौटी है

इसपर खड़े उतरना इतना आसान भी नहीं

हर कोई अपने वजूद को बचाने के लिए

जिंदगी रुपी पहेली को सुलझाने में जुटा है

पर ये प्रयास हर किसी के लिए कारगर सिद्ध

नहीं होती जिंदगी का दूसरा नाम संघर्ष है

बिना संघर्ष किये जिंदगी अपनी मंजिल नहीं पाती।

*बबली सिन्हा

गाज़ियाबाद (यूपी) मोबाइल- 9013965625, 9868103295 ईमेल- [email protected]