वंश वृद्धि
भैंस के बच्चे को लाकर हवेली के आंगन में बांधा गया था. अपनी माँ से बिछड़ा बच्चा जोर जोर से रंभा रहा था. कुछ देर में देवी के मंदिर में उसकी बली चढ़ाई जानी थी. यह सब देख विभावरी बहुत व्याकुल थी.
समय आने पर जब उसे बली के लिए ले जाया जाने लगा तो विभावरी रास्ता रोक कर खड़ी हो गई. स्वयं संतान पाने के लिए वह दूसरी माँ से उसका बच्चा नही छीन सकती थी.