कानून
कानून बनाने वाले ये कैसा कानून बनाते हैं।
दुष्कर्म की भी आज यहाँ हर्जाना बाँटें जाते हैं।
माँ बेटी की हत्या पर ये कैसी बात चलाई है,
आज नारी की भावनाओं से खेल-खेले जाते हैं॥१॥
सड़को पे सरेआम नारी की इज्जत लूटी जाती है
नेताओं के तरफ से महज हादसा बताई जाती है
यहाँ राजनीतिक रोटी सेकने वाले पैदा हो जाते हैं,
बलात्कारी को सुधार गृह की बात चलाई जाती है॥२॥
@रमेश कुमार सिंह /०३-०८-२०१६