“गीतिका”
शिल्प विधान, 16 यति 16= 32 मात्रा पदांत- आना, चौपाई आधारित (मापनी मुक्त)
आगे है पर्वत बलवाना
चलते जाना चलते जाना
कदम उठा है नेक पहल है
मत इतराना मत घबराना।।
कई दिशाएं देख रही हैं
वापस आना गले लगाना।।
चोटी ऊँची खड़ा हिमाला
वायु वेग झंडा लहराना।।
लाले पड़ें हुए जो काले
नई सुबह फिर पाठ पढ़ाना।।
धैर्य धीरता मर्म पुराना
इसे न खोना नेंह जताना॥
जागो गौतम देश सुहाना
याद कराना और बताना।।
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी