गीत
तुमको गीतों की रानी लिखूँ ,प्रियतमे !
प्रेम की एक कहानी लिखूँ ,प्रियतमे !
खुद को गालों का तिल, तुमको गोरी लिखूँ !
खुद को चंदा, मैं तुमको चकोरी लिखूँ ।
श्यामसुंदर कन्हैया तुम्हें मैं लिखूँ,
खुद को मीरा दिवानी लिखूँ प्रियतमें ।
तुमको गीतों ………………………………………
खुद को सूरजमुखी,तुमको दिनकर लिखूँ।
तुमको लिख दूँ कमल ,खुद को मधुकर लिखूँ ।
तुमकों भीगे हुए मैं नयनद्वय लिखूँ,
खुद को नैनों का पानी लिखूँ,प्रियतमें!
तुमको गीतों…………………………………………
— © दिवाकर दत्त त्रिपाठी 5/12/16