गीत/नवगीत

गीत

सारी दुनिया हुई दंग, देखा भारत का ढंग, बदले बदले देखो रंग हिंदुस्तान के
किया दुश्मनो पे वार, वो भी जा के सीमा पार, ले के आ गए वो बदले अपमान के

बढ़ाया हमने हाथ, तुम तो आये नहीं साथ, देखो बार बार हम ही तो छले गये
बोला तुमको दोस्त, तुम उड़ाते रहे पोस्ट, जब भी जी में आया मार के चले गये
भारती के वीर, हो गये थे सब अधीर, देखा साथियो के काट तुम गले गये
सैनिको ने ली कसम, मन में ठाना किया प्रण, दिन बुरे शुरू हुवे है पाकिस्तान के
शेर है दहाड़ा, घर में घुस के उसको मारा,अब खड़े है शेर देखो सीना तान के
सारी दुनिया हुई दंग. ……..

बहुत किये प्रयास, मन में एक ही थी आस, अक्ल भी कभी तुम्हे जरूर आएगी
दीमको को पाला, नाश खुद का ही कर डाला, सोचा ना ये एक दिन तुम्हे ही खायेगी
संतति उजाड़ी, तुमने सम्पति बिगाड़ी, अब तुम्हारी पीढिया भी पछताएगी
भूले तुम पुराना किस्सा, किसका थे जरा सा हिस्सा, सोचो किस विराट देश इस महान के
कही का नही छोड़ा, तुमने अपना घर ही तोडा, आज शत्रु बन गए सकल जहान के
सारी दुनिया हुई दंग. ……..

तू मांग मांग जीता, मांग के ही पानी पीता, तूने अपने आप कुछ कभी किया नहीं
मांग के ही तू बना था, तू तो रक्त से सना था, खून के अलावा कुछ पिया नहीं
आततायी पाले, मानवता जलाने वाले, और दुनिया को कभी भी कुछ दिया नहीं
कोई आबरू नहीं है, कोई आरज़ू नहीं है, मायने ना जानो तुम स्वाभिमान के
सबने है लताड़ा, सारी दुनिया ने पछाड़ा, घूँट पीते रहो तुम अपमान के
सारी दुनिया हुई दंग. ……..

मनोज “मोजू”

मनोज डागा

निवासी इंदिरापुरम ,गाजियाबाद ,उ प्र, मूल निवासी , बीकानेर, राजस्थान , दिल्ली मे व्यवसाय करता हु ,व संयुक्त परिवार मे रहते हुए , दिल्ली भाजपा के संवाद प्रकोष्ठ ,का सदस्य हूँ। लिखना एक शौक के तौर पर शुरू किया है , व हिन्दुत्व व भारतीयता की अलख जगाने हेतु प्रयासरत हूँ.