मन्नत का पेड़
इन रंगीन कपड़ों के बीच
मेरा भी एक कपडा है
लाल पीले हरे नीले के बीच
मेरा भी एक सपना है
बाँधा था बड़ी महनत से मैंने
कूद कर सबसे ऊपर की डाल पर
पूरी हो पहले मेरी ख्वाइश
सोच टांगा था आसमां छूती डाल पर
मन्नत का पेड़ कभी धोखा नही देता
सुना था मैंने
यह तमन्ना अधूरी नहीं छोड़ता
सच्चे मन से मांगी हर दुआ कुबूल होती है
हजारों के इस भरोसे की सोच
मैं खड़ी मन्नत के पेड़ को निहार रही !
— कृतांशा