पति-पत्नी
जीवन पति -पत्नी का
नहीं चलता ये एक सीधी रेखा में
दोनों के बीच
वाचा के उग्रबाण होते है
जो रूपांतरित होते है
ये रूपांतरण हमेशा धनात्मक होता है
भरता है उन्हें
एकात्मकता व आनंदोत्सव में
प्रेम को प्रखर करता है
तरंग -आवृत में स्पंदन
बदल देता है
आनंदोत्सव वसंतोत्सव में