राजनीति

प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक नेपाल यात्रा

काफी समय बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा कई मायनों में बहुत ही ऐतिहासिक व दूरगामी परिणामों वाली सिद्ध होने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काठमांडू की सड़कों पर जिस प्रकार से भव्य व अभूतपूर्व स्वागत किया गया वह काफी भाव विभोर कर देने वाला रहा। नेपाली संविधान सभा को नेपाली भाषा में संबोधित करके मोदी ने वहां के सांसदों को न सिर्फ चैंकाया अपितु उनका दिल भी जीत लिया। यह उनके बेहद भवुक व कौशल का ही परिणाम था कि वहां के प्रखर भारत विरोधी नेता की छवि रखने वाले नेता पुष्पकमल दहल “प्रचंड“ भी बेहद भावुक हो गये और अपने आप को रोक नहीं सके। उन्होनें भी अन्य सांसदों की तरह कई स्थलों पर मेंजे थपथपाकर मोदी के भाषण का स्वागत किया।

अपने संबोधन की शुरूआत प्रधानमंत्री नेपाली से की। मोदी ने नेपाल की विकास यात्रा में भारत के पूर्ण सहयोग का वायदा भी किया। मोदीह ने अपने भाषण से नेपाल को कई तोहफे दिये हैं जिनका वहां के सांसदों ने पूरी गर्मजोशी से स्वागत किया है। इस समय भारत की ओर से यह पहल बेहद आवश्यक भी हो गयी थी क्योंकि विगत 17 वर्षों से भी अधिक समय से भारत नेपाल के रिश्ते बेहद नाजुक हो गये थे। भारत की गतिविधियां वहां पर काफी कमजोर हो जाने के जाने कारण चीन व पाकिस्तान की गतिविधियां काफी तेजी से सिर उठा रहीं थी। चीन नेपाल को तिब्बत की तरह हड़प करने के प्रयासों में लगा रहा है तथा वह वहां पर भारत विरोधी भावनाओं को भड़काकर अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहा था। नेपाल की प्राकृतिक संपदा पर चीन अपना नियंत्रण करना चाह रहा था। यही हाल पाकिस्तान का भी रहा है। नेपाल के रास्ते तस्करी का आसान मार्ग खुला था। जिसमें नकली नोटों की तस्करी ,हथियारों की तसकरी व जासूसों का नेटवर्क भी नेपाल में खुल गया था। भारत विरोधी इस नेटवर्क को समाप्त करने के लिए नेपाल के साथ बेहद करीबी, यथार्थ और धरातल पर आधारित इस प्रकार की मैत्री की पहल बेहद आवश्यक हो गयी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोंधन के माध्यम से नेपाल के विकास से संबंधित सभी पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किये हैं। उन्होनें यह भली भांति समझाने का प्रयास किया कि नेपाल के साथ हमारे सम्बंध कितने गहरे हैं। यह बात सही भी है कि भारत और नेपाल के बीच गहरे सांस्कृतिक, धार्मिक, समाजिक, राजनैतिक,आर्थिक रिश्ते हैं। इन सबंधांे को पर्यटन, संचार व व्यापार के माध्यम से और अधिक गहरा किया जा सकता है। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने हिट का फार्मूला दिया है। प्रधानमंत्री ने हिट का मतलब समझातेे हुए कहा कि एच माने हाइवेज आई माने आईवेज और टी मानें ट्रांसवेज । मोदी ने स्पष्ट किया कि नेपाल के आंतरिक मामलों में दखल देना हमारा काम नहीं हैं बल्कि आपने जो रास्ता चुना है हम उसमें आपकी मदद करना चाहते हैं नेपाल अपनी बिजली से भारत के अंधेरे को खत्म कर सकता है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कई ऐतिहासिक घोषणायें भी की हैं। प्रधानमंत्री ने सम्बंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने के लिए धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर बल दिया है। उन्हानें कहाकि भारत की अधिकांश जनता पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करने आना चाहती है इसको और अधिक सुगम बनाने का प्रयास करना चाहिये। साथ ही भगवान बुद्ध के जन्मस्थल लुम्बिनी की यात्रा को भी और अधिक सुगम बनाकर पर्यटन को विकसित किया जा सकता है। साथ ही नेपाल में ऐसे कई मनोरम स्थल हैं जिनका पर्यटन की दृष्टि से विकास करके विकास कार्यो को बढ़ावा दिया जा सकता है। प्रधानमंत्री नेपाली छात्रों को भारत में पढ़ाई करने के लिए और अधिक स्कालरशिप देने का भी ऐलान किया। उन्होनें भारत नेपाल के बीच महंगी काल दरों को भी सस्ता करने का प्रस्ताव पेश किया जिसका सांसदों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया।

इस दौरान तीन महत्वपूर्ण समझौतो पर भी हस्ताक्षर किये गये हैं। जिसमें पहले करार के अंतर्गत आयोडीन युक्त नमक की खरीद और वितरण के लिए नेपाल को साढ़े छह करोड़ रूपये का अनुदान भी दिया। इस नमक को नेपाल के ग्रामीण क्षेत्रों में वितरित किया जायेगा। इसके अलावा महाकाली नदी पर 5600 मेगावाट की पंचेश्वर बहुददेश्यीय परियोजना के काम को शुरू करने को लेकर भी दोनों देंशों के बीच समझौता हुआ। दूरदर्शन और नेपाली टेलीविजन के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल में प्रखर भारत विरोधी माओवादी संगठनों को भी पुचकारने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री ने नेपाल को लगभग दस हजार करोड़ नेपाली रूपये की अतिरिक्त सहायता का ऐलान करके सभी को चैंका दिया है। मोदी के भाषण के बाद आगे आने वाले दिनों में नेपाल की राजनीति व वहां के नेता किस प्रकार से भारत के प्रति अपना रूख प्रदर्शित करते हैं यह तो आने वाला समय बतायेगा।

लेकिन यह बात तो अवश्य है कि मोदी के हिट फार्मूले से वहां के नेता व राजनीति भले हिट हुई हो या न हुई हो लेकिन भारत विरोधी ताकतें अवश्य हिट हो गयी हैं। प्रधानमंत्री मोदी का भाषण देश के सभी टी वी चैनलों ने सीधा प्रसारित किया है। टी वी चैनलों पर नेपाल यात्रा सम्बंधी बहसों का भी प्रसारण हुआ है। जिसमें रक्षा विशेषज्ञों व कांग्रेसी नेताओं ने तथा स्वतंत्र विचारकों, पत्रकारों ने अपने विचार व्यक्त किये हैं । सभी ने मोदी के भाषण व उनकी घोषणाओं की सराहना की है। एक बहस में कांग्रेसी नेता भीम अफजल ने भी मोदी की सराहना करते हुए कहा कि यह बात तो बिलकुल सही है कि प्रधानमंत्री मोदी भाषणकला में काफी माहिर हैं वे लोगों को बड़ी कुशलता से समझा भी लेते हैं तथा भावुक भी कर देते हैं। लेकिन भविष्य कैसा होगा इस पर बचते नजर आये। सोशल मीडिया में भी मोदी की नेपाल यात्रा छायी हुई है। प्रधानमंत्री ने वाकई दिल को छू लेने वाला भाषण दिया है। इस यात्रा से भारत- नेपाल सम्बंधों में जो गहरी खायी पैदा हो गयी थी उसे दूर करने का हरसम्भव प्रयास किया है।

इस अवसर पर नेपाली नेता पुष्पकमल दहल “प्रचंड” ने कहाकि, ”उनका भाषण दिल को छू लेने वाला और बेहद उत्साहजनक था। मैं समझता हूं कि भारत- नेपाल रिश्ते में नए अध्याय की शुरूआत होने जा रही है।“ नेपाली मीडिया भी नमो- नमो कर रहा है।नेपाल के अग्रणी अखबार द काडमांडू पोस्ट ने लिखा “मोदी मंत्र ने नेपाल का दिल जीता।“मोदी की दो  दिन की नेपाल यात्रा को वहां के अखबारों ने चित्रों के साथ दो- दो पन्नों पर विस्तार पूर्वक जगह दी।इस यात्रा का महत्वपूर्ण पहलू यह रहा है कि दोनों ही देश 1950 की मित्रता संधि की समीक्षा,समायोजन और आधुनिकीकरण करने पर सहमत हो गये हैं। संधि की समीक्ष का फैसला दोनों देशों के संयुक्त आयोग की बैठक में लिया गया था। भारत ने ऊर्जा क्षेत्र व कुछ महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण में सहयोग करने और छात्रवृत्ति की संख्या को बढ़ाकर 180 से 250 करने की भी घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी और नेपाली प्रधानमंत्री कोइराला ने इस पर खुशी जाहिर की है। नेपाल के अनुरोध पर भारत ने 200 करोड़ रूपये की लागत से रक्सौल-अमलेखगंज पेट्रोलियम पाइपलाइन बिछाने पर भी सहमति जता दी है। हवाई सेवा को भी बेहतर बनाने पर बल दिया गया है।

दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने ऐतिहासिक पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करके शिवभक्तों का भी मनमोह लिया है। आशा की जानी चाहिए की उनके इस पवित्र कार्यो से दोनों ही देशों की जनता लाभान्वित होगी। प्रधानमंत्री मोदी जिस प्रकार से विदेश नीति पर आगे बढ़ रहे हैं उससे साफ प्रतीत हो रहा है कि कम से कम विदेश नीति के तो अच्छे दिन आ ही गये हैं। वैसे भी नेपाल हमारे लिए सामरिक व राजनैतिक दृष्टि से बेहद महत्व का देशहै। नेपाल खुश तो हम खुश। नेपाल विकसित तो हम भी शक्तिशाली। इसलिए नेपाल का विकास और उसके साथ प्रगाढ़ सम्बंध बेहद जरूरी। इसलिए भारत- नेपाल मैत्री सदा अमर रहे।

One thought on “प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक नेपाल यात्रा

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छा लेख. मोदी जी की नेपाल यात्रा ऐतिहासिक रही, जिसके दूरगामी परिणाम होंगे.

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