राजनीति

हिंदू ह्रदय योगी

लोकतंत्र अँग्रेज़ी शब्द डेमॉक्रेसी हुआ है डेमॉक्रेसी जनतंत्र , लोकतंत्र का शाब्दिक अर्थ का जनता का शासन । अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र को बड़े मार्मिक शब्दों में परिभाषित किया है” लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा शासन है ।”
भारतीय संविधान के प्राण लोकतंत्र में निहित है । भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है । यहाँ जनप्रतिनिधियों का चयन चुनाव आयोग की देखरेख में जनता द्वारा किया जाता है । हमारे देश के राष्ट्रपति का निर्वाचन भी आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाता है । भारत गणराज्य मे उत्तरप्रदेश सर्वाधिक जनसंख्या का प्रदेश अनेकता में एकता का परिचय देता भारत का ह्रदय है । सभी राजनैतिक दलों की निगाहें उत्तर प्रदेश पर टिकी रहती हैं । राष्ट्रीय दल के साथ- साथ क्षेत्रीय दल भी अहम भूमिका निभाते रहे हैं । जातिवाद क्षेत्रवाद , भाषावाद के आधार सरकारों का गठन होता रहा , क्षेत्रीय पार्टियाँ राष्ट्रीय पार्टियों को सदैव लोहा मनवाती रही हैं , आप भारत के प्रांतीय व्यवस्था पर गौर करें , यही देखने को मिल रहा है ।

लेकिन अब लोगों का नज़रिया बदल रहा है । एकला चलो से हटकर सबका साथ सबका का विकाश को साकार करते हुए उत्तर प्रदेश में विजय श्री हासिल कर ली । चौदह वर्षीय वनवास उत्तम प्रदेश बनाने की संकल्पना रामराज की कल्पना को साकार जीवंत रूप प्रदान करने के लिए २०१९ मोदी मय करने की बागडोर योगी आदित्यनाथ को सौपीं गयी है । हिंदू ह्रदय योगी का उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना गौरव की बात है । योगी का मात्रा भार २+२ , मोदी का भारांक २+२ है । य [ओ ] ग [ई ] =योगी मोदी -म [ओ] द [ओ] कितना बढ़िया संयोग केंद्र में मोदी , यूपी में योगी । प्रमुख दिशा =चार , चार -वेद , चार- चरण , चार वर्ण , चार आश्रम , चार युग , चार धाम , चार में संपूर्णता निहित है । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का हम हार्दिक स्वागत अभिनन्दन करते है ।

राजकिशोर मिश्र ‘राज’

राज किशोर मिश्र 'राज'

संक्षिप्त परिचय मै राजकिशोर मिश्र 'राज' प्रतापगढ़ी कवि , लेखक , साहित्यकार हूँ । लेखन मेरा शौक - शब्द -शब्द की मणिका पिरो का बनाता हूँ छंद, यति गति अलंकारित भावों से उदभित रसना का माधुर्य भाव ही मेरा परिचय है १९९६ में राजनीति शास्त्र से परास्नातक डा . राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय से राजनैतिक विचारको के विचारों गहन अध्ययन व्याकरण और छ्न्द विधाओं को समझने /जानने का दौर रहा । प्रतापगढ़ उत्तरप्रदेश मेरी शिक्षा स्थली रही ,अपने अंतर्मन भावों को सहज छ्न्द मणिका में पिरों कर साकार रूप प्रदान करते हुए कवि धर्म का निर्वहन करता हूँ । संदेशपद सामयिक परिदृश्य मेरी लेखनी के ओज एवम् प्रेरणा स्रोत हैं । वार्णिक , मात्रिक, छ्न्दमुक्त रचनाओं के साथ -साथ गद्य विधा में उपन्यास , एकांकी , कहानी सतत लिखता रहता हूँ । प्रकाशित साझा संकलन - युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच का उत्कर्ष संग्रह २०१५ , अब तो २०१६, रजनीगंधा , विहग प्रीति के , आदि यत्र तत्र पत्र पत्रिकाओं में निरंतर रचनाएँ प्रकाशित होती रहती हैं सम्मान --- युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच से साहित्य गौरव सम्मान , सशक्त लेखनी सम्मान , साहित्य सरोज सारस्वत सम्मान आदि