संस्कार भारती के मंच पर गूंजा “रोज रोज काका टहल ओरियइहें”
संस्कार भारती के मंच पर गूंजा “रोज रोज काका टहल ओरियइहें”
लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली। सरस्वती विद्या मंदिर नेहरू नगर मे संस्कार भारती शास्त्री नगर इकाई, गाजियाबाद द्वारा आहूत साहित्य संगोष्ठी भोजपुरी साहित्य मनीषी डॉ अशोक द्विवेदी जी के सम्मान मे और डॉ वीणा मित्तल जिला अध्यक्ष संस्कार भारती की अध्यक्षता के साथ आदरणीय श्री मोहन द्विवेदी जी के सुसंगठित संचालन मे आयोजित हुई । संस्कार भारती की शास्त्री नगर इकाई ने मुख्य अतिथि डॉ अशोक द्विवेदी का माल्यार्पण ,सम्मान प्रतीक और अंग वस्त्र से सम्मान किया । साथ ही भोजपुरी पंचायत के अप्रैल अंक का लोकार्पण भी किया गया । संस्कार भारती की यह साहित्य संगोष्ठी कई मायने मे अद्वितीय रही । मुख्य अतिथि के सम्मान मे नन्द ग्राम इकाई के बच्चों द्वारा स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया । आज इस गोष्ठी मे जिसका विषय “किसान” था , उस पर सभी कवियों ने अपनी अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की । आज गोष्ठी मे हिन्दी , भोजपुरी और ब्रज भाषा की त्रिवेणी का अद्भुत संगम अविस्मरणीय रहा । आज गोष्ठी की शुरुवात श्री गुरुविंदर सिंह गुरु की भोजपुरी कविता से प्रारम्भ हुआ , जिसको जयशंकर प्रसाद द्विवेदी ने ” छुंछा के बा के पुछवइया” से एक ऊँचाई तक पहुंचाया । गोष्ठी मे श्री विनोद पांडेय , डॉ राजीव पांडेय , डॉ जयप्रकाश मिश्र , श्री अशोक श्रीवास्तव , श्री एम के चतुर्वेदी “मकरंद”, भूपेंद्र त्यागी “मित्र” , श्री राजेन्द्र प्रसाद बंसल , श्री ब्रज नन्दन पचौरी , श्री राम स्वरूप भास्कर ,श्री सुनील सिन्हा , श्री बी एस शर्मा “बशिष्ठ” , श्रीमति तूलिका सेठ सहित सभी कवियों ने कार्यक्रम को नई ऊँचाई दी । अंत मे डॉ अशोक द्विवेदी की भोजपुरी गीत “रोज रोज काका टहल ओरियइहें” के साथ कार्यक्रम का विधिवत समापन हुआ । धन्यवाद ज्ञापन श्री मोहन द्विवेदी जी ने किया ।