पिरामिड
ये
दिया
जलती
है तो लोग
प्रकाशमय
किरणों के बीच
उमंग लेते सभी ॥1॥
वो
दिन
देखता
रह गया
जब वो मेरी
नजर के पास
से गुजर रही थी॥२॥
थी
नम
उसकी
आँखें लिए
अश्रु की धारा
अन्तरमन में
वेदना छिपाये वो॥३॥
________©रमेश कुमार सिंह ‘रुद्र’
ये
दिया
जलती
है तो लोग
प्रकाशमय
किरणों के बीच
उमंग लेते सभी ॥1॥
वो
दिन
देखता
रह गया
जब वो मेरी
नजर के पास
से गुजर रही थी॥२॥
थी
नम
उसकी
आँखें लिए
अश्रु की धारा
अन्तरमन में
वेदना छिपाये वो॥३॥
________©रमेश कुमार सिंह ‘रुद्र’