छोटी सी ख्वाहिश
शहर की एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाला मुकेश गाँव के एक छोटे से स्कूल में बच्चों को कॉपी किताब चाकलेट जैसी चीज़ें बाटने आया था। उसकी निगाह तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले श्याम पर पड़ी। वह सारी हलचल के बीच भी अपनी किताब लिए पढ़ रहा था।
मुकेश उसके पास जा कर बोला “मन लगा कर पढ़ रहे हो। बड़े हो कर क्या करना चाहते हो?”
श्याम उत्साह से बोला “मैं बड़ा हो कर ऊंची नौकरी करूँगा।”
मुकेश के चेहरे पर मुस्कान आ गई “ऊंची नौकरी क्यों करना चाहते हो?”
“उससे मैं बहुत पैसा कमा सकूँगा। फिर भरपेट खाना मिलेगा। अच्छे कपड़े होंगे। फिर मैं दूध भी पी सकूँगा।”
आभावों से लड़ कर ऊपर आए मुकेश को उसमें अपना बचपन दिखने लगा।