गीत/नवगीत

गीत : परम इतिहास प्यारा है…

चमन के फूल हम सारे, हमारा देश न्यारा है |
हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है ||

हिमालय की बुलंदी से, यही आवाज है आती |
बचा लो हिन्द के वीरों, वतन के आन की थाती ||
लुटाया लाल माँओं ने, दुल्हन पति को बहन भाई |
बहुत कुर्बानियाँ लेकर, ये आजादी – दुल्हन आई ||
कली कश्मीर की कहती, तिरंगा ध्वज हमारा है |
हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है ||

असम,मेघा,मिजो,त्रिपुरा, अरुण अंचल की तरुणाई |
सुनो नागों की धरती से, बजे प्यारी सी शहनाई ||
भरा मणियों से मणिपुर, गोरखा सिक्किम की घाटी से |
उगे सूरज सदा पहले, खिलाये फूल माटी से ||
नमन इस भूमि को करलें, जो पूर्वोत्तर पुकारा है |
हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है ||

तमिल केरल उड़ीसा आन्ध्र, कर्नाटक भी मुस्काया |
महा, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा मधुर माया ||
लगा उत्तर हिमाचल मध्य पाटलिपुत्र गुण गाने |
कबीरा दास तुलसी सूर दिनकर औध रसखाने ||
कलम तलवार को भी मात दे बनती सहारा है |
हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है ||

पखारें भूमि भारत की, अरब औ हिन्द की लहरें |
खड़ा पंजाब प्रहरी सा, पताका विश्व में फहरे ||
नमन बंगाल के गुरु को, अमन का राग जो गाये |
नमन गाँधी के मन्त्रों को, नमन झंडा जो फहराये ||
विधाता की धरा पावन, करे गंगा की धारा है |
हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है ||

— अवधेश कुमार ‘अवध’

*डॉ. अवधेश कुमार अवध

नाम- डॉ अवधेश कुमार ‘अवध’ पिता- स्व0 शिव कुमार सिंह जन्मतिथि- 15/01/1974 पता- ग्राम व पोस्ट : मैढ़ी जिला- चन्दौली (उ. प्र.) सम्पर्क नं. 919862744237 [email protected] शिक्षा- स्नातकोत्तर: हिन्दी, अर्थशास्त्र बी. टेक. सिविल इंजीनियरिंग, बी. एड. डिप्लोमा: पत्रकारिता, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग व्यवसाय- इंजीनियरिंग (मेघालय) प्रभारी- नारासणी साहित्य अकादमी, मेघालय सदस्य-पूर्वोत्तर हिन्दी साहित्य अकादमी प्रकाशन विवरण- विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन नियमित काव्य स्तम्भ- मासिक पत्र ‘निष्ठा’ अभिरुचि- साहित्य पाठ व सृजन